अनूठा प्रेम! हिरण के अनाथ बच्चे को 9 महीने पाला, पाल पोसकर बेटी की तरह विदा किया

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सनावडा गांव के

पास करीब नौ माह पहले हिरण ने एक बच्चे को जन्म दिया था। जन्म देने के 15 दिन बाद मादा हिरण पर अवारा कुत्तों ने हम!ला कर मार दिया था। इस पर जैसलमेर के धोलिया गांव निवासी शिव सुभाग मांजू हिरण के बच्चे को बचाने के लिए अपने घर ले आए। उनकी पत्नी शिव सोनिया ने हिरण के बच्चे को अपने बच्चे की तरह देखभाल की।

हिरण के बच्चें को अपनी औलाद की तरह पाला

असल में हिरण के

इस बच्चे की मां को कुत्तों ने मार डाला था। उसके बाद इस मादा हिरण की परवरिश जैसलमेर के शिव सुभाग के परिवार बिलकुल अपने बच्चे की तरह की। फिर वह जब बड़ा और स्वस्थ हो गया तो धूमधाम से विदाई समारोह का आयोजन किया गया। इसमें गांव के लोग भी शामिल हुए। एक बेटी की तरह विदा कर जोधपुर के रेस्क्यू सेंटर में भेज दिया गया।

हिरण का नाम लॉरेंस रखा

शिव सुभाग के परिवार ने हिरण के बच्चे को ‘लॉरेंस’ नाम दिया। हिरण का यह बच्चा अब नौ माह का हो चुका है। नौ महीने तक साथ रहने से हिरण लॉरेंस को शिव सुभाग के परिजनों को इतना लगाव हो गया है कि वह पूरे दिन उनके इर्द-गिर्द ही रहने लगे है। थोड़ा दूर चले जाने पर जैसे ही परिजन उसे नाम से पुकारते हैं तो वह दौड़ते हुए उनके पास आ जाता। इंसान और जानवरों के बीच पारिवारिक रिश्ते की यह बात इसलिए भी खास है कि वन्य प्राणियों में हिरण एक ऐसा जानवर है जो इंसानों के पास आना तो दूर आहट मात्र से ही दूर भाग जाता है।

दूध काजू खाता हैं लॉरेंस

बच्चों से लेकर

बड़ों तक सबके हाथ से दूध पी लेता है शिव सुभाग कि पत्नी शिव सोनिया ने इस हिरण को अपने बच्चे कि तरह बोतल से दूध पिला-पिलाकर पाला। लॉरेंस शिव सुभाग के बच्चों शिव सुच्ची, शिव सावित्री, शिव शिल्पा और शिव शेलेन्द्र के साथ सारा दिन खेलते रहता है। शिव सुभाग ने बताया लॉरेंस इतना चंचल है कि कुछ ही दिनों में वह फैमिलियर हो गया। इंसानों से उसका डर खत्म हो गया। वह बच्चों से लेकर बड़ों तक सबके हाथ से दूध पी लेता है।

कुत्तों के दर से रेस्क्यू सेंटर भेजने का फैसला किया

वह जब घर से

बाहर चला जाता है तो आवारा कुत्तों के हमले होने का डर सताता रहता है। इसको देखते हुए लॉरेंस को रेस्क्यू सेंटर भेजने का निश्चय किया। इससे पहले घर पर रात्रि जागरण का आयोजन किया गया। शुक्रवार को सामूहिक भोजन का आयोजन कर लॉरेंस को बेटी कि तरह विदाई देते हुए लोहावट स्थित रेस्क्यू सेंटर भिजवाया गया है।