किसी भी व्यक्ति में कोई भी कला हो वह किसी भी जाति धर्म भेदभाव सभी को पीछे छोड़ अपनी कला को ही समझती और पहचानती है और उस कला के कारण इंसान पूरे संसार में मशहूर हो जाता है.और सभी उन्हें उनकी कला को सम्मान भी देते हैं.
इन दिनों हर हर शंभू गीत सोशल मीडिया पर खूब ज्यादा सुर्खियों में बना हुआ है. इस हर हर शंभू को इंडियन आईडल फेम फरमानी नाज ने भी गा कर अपने यूट्यूब चैनल पर शेयर किया. आपको बतादे यूपी के मुजफ्फरपुर की यह सिंगर इसके बाद से विवादों में छाई हुई है.
भजन को देवबंद के उलेमा ने बताया शरीयत के खिलाफ
देवबंद के उलेमा ने फरमानी नाज़ के गाए हर हर शंभू भजन को लेकर कहा यह शरीयत के खिलाफ है.आज फरमानी नाज आज तक के स्टूडियो में थी उन्होंने इस मुद्दे पर कई बातें शेयर भी की.एंकर ने जब उलेमा के एतराज को लेकर फरमानी नाज से सवाल किया.
तब उन्होंने कहा वह एक कलाकार हैं. और कलाकार के तौर पर हर तरह के गाने गाए हैं. इन दिनों सावन का महीना चल रहा है.तो उन्होंने हर हर शंभू गीत गुनगुना कर यूट्यूब चैनल पर डाल दिया.उन्हें किसी ने भी घर आकर गाने से नहीं रोका है. बस कुछ लोग सोशल मीडिया पर इस तरह के कमेंट कर देते हैं.
इसके अलावा फरमानी से पूछा गया आपको किस कारण से टारगेट किया जा रहा है? एक महीला है इस वजह से या फिर फरमानी नाज है इसलिए?जवाब में फरमानी ने कहा कि यह तो नहीं पता. लेकिन आज लड़कियां आत्मनिर्भर होकर समाज में जी रही हैं.
फरहानी ने गाए है कई सारे गाने
मैं अपने टैलेंट के दम पर आगे बढ़ रही हूँ.ऐसे में किसी को भला क्यों परेशानी होनी चाहिए.फरमानी ने बताया वह एक भक्ति चैनल चलाती हैं. जिस पर कई भक्ति गीत गाए हैं. राधा कृष्ण के भी कई गाने गाए हैं.
शुभांगन ने पूछा भजन गाने का आईडिया कहां से आया इसके जवाब में फरमानी ने कहा जब हम कव्वाली करते हैं तो भजन भी गा लेते हैं. पहला भजन घनश्याम तेरी बंशी गया था.भाई के साथ भी कई भजन गाए हैं.गांव में मेरे गाने पर सभी लोग खुश होते हैं.
गाने की तारीफ करते हैं इस दौरान फरमानी ने कई भजन भी गा कर सुनाएं. कव्वाली भी गाई. वह एक कलाकार हैं ऐसे में उन्हें हर तरह के गीत गाने पड़ते हैं.फरमानी ने कहा मुझे इतनी अच्छी आवाज मिली है अपने हुनर के बल पर गाने गाकर आगे बढ़ रही हूं.
हम मर्यादा में रहकर गाते हैं. कभी किसी धर्म का अपमान नहीं किया. 2018 में शादी के बाद एक बेटा हुआ बेटे को बीमारी थी. इसके बाद पति और ससुराल वालों ने छोड़ दिया. इसके बाद जीवन यापन के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ा. मेरे सामने कोई विकल्प ना था ऐसे में एक कलाकार के तौर पर गाना गाना शुरू कर दिया.
फरहानी नाज का छलका दर्द
आज गा कर ही परिवार चला रही हूं.आपको बता दें फरमानी ने आगे कहा मुझे बिना तलाक दिए पति ने दूसरी शादी कर ली. इस मामले पर कभी किसी ने मेरा दुख नहीं समझा.अब आज जब गाने गाकर अपने बेटे को पाल रही हूं. तब लोगों को आपत्ति हो रही है. इसमें किसी को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए.
लोग मेरे गानों को पसंद कर रहे हैं.बच्चे के भविष्य के लिए कर रही हूं. सरकार को ऐसा कदम उठाए जो मेरे साथ हुआ है वह किसी और के साथ ना हो.मुफ्ती असद काजमी ने कहा देखिए इस सिलसिले में यही कहूंगा इस्लाम में शरीयत के अंदर कोई भी किसी भी तरह का गाना गाना जाईज़ नहीं है.
मुसलमान होते हुए अगर कोई गाना गाता है तो यह गुनाह है. किसी भी तरीके के गाने हो उन से परहेज करना चाहिए. उनसे बचना चाहिए.फरमानी नाम की महिला ने गाना गाया है. यह शरीयत के खिलाफ है. मुसलमान होने के बावजूद ऐसे गाने गाना गुनाह है. महिला को इस से परहेज करना चाहिए तौबा करनी चाहिए.